अनन्त- चतुर्दशी- कथा- ब्रत-विधि- 2019-Anant -chaturdarshi-katha-Brat-Bidhi


अनंत चतुर्दशी व्रत का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है, इसे अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत में भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है। भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी कहा जाता है। इस दिन अनंत भगवान (भगवान विष्णु) की पूजा के बाद अनंत सूत्र बांह पर बांधा जाता है। वे कपास या रेशम से बने होते हैं और चौदह गांठें होती हैं। गणेश विसर्जन अनंत चतुर्दशी पर भी किया जाता है, इसलिए इस त्योहार का महत्व और भी बढ़ जाता है। यह त्यौहार भारत के कई राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान कई स्थानों पर धार्मिक झांकी निकाली जाती हैं।

अनंत चतुर्दशी पूजा मुहूर्त  (Ananat Chaturdashi Puja Muhurat)

इस साल अनंत चतुदर्शी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06:04:17 से लेकर दोपहर 31:37:13 तक चलेगा।
25 घण्टे ३२ मिनट तक चलेगा ।

अनंत चतुर्दशी की कथा Anant Chaturdashi Vrat Katha

पौराणिक कथा के अनुसार कौण्डिन्य मुनि की पत्नी शीला अपने हाथ में अनंत सूत्र बांधती थी। वो अनंत देव(भगवान विष्णु) की पूजा करती थी। एक दिन कौण्डिन्य मुनि ने अपनी पत्नी के हाथ में आनंत सूत्र बंधा हुआ देखा। आशंकित होकर उसके बारे में पूछने लगे।

उनकी पत्नी ने बताया कि वह अनंत भगवान का पवित्र सूत्र है परंतु कौण्डिन्य मुनि ने उनका विश्वास नही किया और जादू टोने और वशीकरण का काम समझकर उस सूत्र को तोड़ दिया और आग में डालकर भस्म कर दिया।

इसके बाद जल्द ही उन पर अनेक विपत्तियां टूट पड़ी। उनकी सारी संपत्ति, धन, संपदा सब नष्ट हो गया। वह बहुत ही निर्धन हो गए और उन्होंने अपने पापों का प्रायश्चित करने का निर्णय किया। अनंत भगवान से क्षमा मांगने लगे और वन में जाकर तपस्या करने लगे।

अनंत चतुर्दशी व्रत की पूजा विधि Anant Chaturdashi Puja Vidhi


  1. भक्तों को यह पूजा करने के लिए सुबह सबसे पहले नित्य कर्म करने के बाद स्नान करना चाहिए और साफ वस्त्र धारण करना चाहिए
  2. भगवान विष्णु का ध्यान करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए
  3. उसके बाद पूजा स्थल पर कलश की स्थापना करें
  4. कलश पर अष्टदल कमल की तरह बने बर्तन में अनंत भगवान की स्थापना करें। भगवान विष्णु की कोई फोटो आप सामने ही लगा लें
  5. पूजा स्थल पर बैठकर ही डोरी को केसर, हल्दी, कुमकुम से रंग कर अनंत सूत्र बनाएं
  6. उसके बाद उसमें 14 गांठे लगाएं
  7. भगवान विष्णु की फोटो पर अनंत सूत्र चढ़ा दें
  8. उसके पश्चात भगवान विष्णु और अनंत सूत्र का विधि विधान से पूजा करें

"इस मंत्र का आप सभी उच्चारण करें"

अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव।
अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।।


  • पूजा करने के बाद बनाए हुए अनंत सूत्र को अपनी कलाई पर बांध लें। याद रहे कि पुरुष इस सूत्र को अपने दाएं हाथ पर बांधेंगे और महिलाएं अपने बाएं हाथ पर अनंत सूत्र को बांधेगी।


  • इस पूजा के बाद आप ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें फल, कपड़े, दक्षिणा दान करें। उसके पश्चात अपने परिवार के साथ भोजन ग्रहण करे।


  • इस पूजा में एक सेर आटे का मालपुआ या पूड़ी बनानी चाहिए और भगवान विष्णु को चढ़ाना चाहिए। इस पूजा में यमुना नदी, शेषनाग और अनंत भगवान (श्री हरि) की पूजा की जाती है। जो लोग यह पूजा करते हैं उनके संकट दूर हो जाते हैं। उनके घर लक्ष्मी आती है। घर में संपति धन ऐश्वर्य बढ़ती है और निर्धनता दूर होती है। गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन 10 दिनों बाद किया जाता है। कच्चे केले का हलवा पूजा में चढ़ाया जाता है

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