महाराणा प्रताप सिंह उदयपुर के
सिसोदिया राजपूत वंश के राजा थे। उनका नाम इतिहास में वीरता और दृढ संकल्प के लिए
जाना जाता है। वह सालो तक मुगलो से संघर्ष करते रहे लेकिन उनकी अधीनता कभी स्वीकार
नहीं किया। महाराणा प्रताप कई बार मुगलो को युद्ध में हराया। जब प्रताप ने 1576 ई. में 3000 घुडसवारो और 500
धनुर्धारी भीलों के साथ हल्दीघाटी के मैदान में राजा मानसिंग के 10000 के सेना का भी सामना किया। झाला
सिंह ने अपने प्राण देकर शत्रु सेना से घिरे महाराणा प्रताप को बचाया था और युद्ध
भूमि छोड़ने के लिए कहा था। शक्ति सिंह ने
अपना अश्व दे कर प्रताप की जान बचाई। अश्व चेतक ने प्रताप को बुरी तरह घायल होने
के बाद भी युद्धभूमि से बाहर निकलने में सफल हुआ एक बरसाती नाला को पर करने के बाद
अन्तः बीरगति को प्राप्त हो गया। उस एक दिन के युद्ध में करीब 10 से 15 हजार
लोग मारे गए थे।
प्रताप की आरम्भिक जीवन
महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 में मेवाड़ के कुम्भलगढ़ दुर्ग राजस्थान के राजपूत परिवार में हुआ था, जो की आज
राजस्थान के राजसमंद जिला में स्थित है। महाराणा प्रताप बचपन से ही वीर योद्धा रहे
है। महाराणा प्रताप के पिता का नाम महाराणा उदयसिंह तथा माता का नाम महारानी
जयवांताबाई था। महाराणा प्रताप बचपन में ही युद्ध कौशल सिख ली थी। प्रताप को
छापामार युद्ध में विशेष अनुभव था। इन्होने मुगलो को कई बार पराजित किया। इनकी पत्नी का नाम अजाब्दे पवार था। अजाब्दे
पवांर सहित इनकी कुल 11 पत्नियां थी।
प्रताप के दो पुत्र थे जिनका नाम अमर सिंह और भगवान दास था।
महाराण प्रताप की मृत्यु
हल्दीघाटी युद्ध के पश्चात
महाराण प्रताप जंगल में ही रहने लगे इसी दौरान 29 जनवरी 1597 को 57 साल की उम्र
में वीर गति को हो गए। महाराणा प्रताप की मृत्यु की खबर सुन कर अकबर के आँखों में
आंसू आ गए थे। अकबर ने उनकी प्रसंसा की थे और उन्हें महान योद्धा बताया था।
महाराणा प्रताप के कथन
भारत माता के महान सपूत महाराणा प्रताप को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। देशप्रेम, स्वाभिमान और पराक्रम से भरी उनकी गाथा देशवासियों के लिए सदैव प्रेरणास्रोत बनी रहेगी।— Narendra Modi (@narendramodi) May 9, 2020
"ये संसार कर्मवीरों की ही सुनता है। अतः अपने कर्म के मार्ग पर अडिग और प्रशस्त रहो।": महाराणा प्रताप— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) May 9, 2020
मातृभूमि के गौरव और सम्मान के लिए आजीवन युद्धरत रहने वाले वीर शिरोमणि, महान योद्धा, महाराणा प्रताप को जयंती पर कोटि कोटि नमन।#MahaRanaPratapJayanti pic.twitter.com/FyOiCCqMom
अपनी वीरता से भारतीय इतिहास को सुशोभित करने वाले महान योद्धा महाराणा प्रताप जी का जीवन अदम्य साहस, स्वाभिमान व राष्ट्रभक्ति जैसे गुणों से पल्लवित था।— Amit Shah (@AmitShah) May 9, 2020
जिनका जीवनसंघर्ष व राष्ट्रप्रेम हर भारतीय को गौरवान्वित करता हो ऐसे अतुल्य पराक्रमी की जयंती पर उनके चरणों में कोटि कोटि नमन। pic.twitter.com/IzRTyZcNwE
था साथी तेरा घोड़ा चेतक, जिस पर तु सवारी करता था।— Neha Chowdhry17 (@NehaChowdhry2) May 8, 2020
थी तुझमें कोई खास बात, कि अकबर तुझसे डरता था॥#maharanapratapjyanti pic.twitter.com/GgV5tU1G46
मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले अदम्य साहस और वीरता के प्रतीक, वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की जयंती पर शत-शत नमन।— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 9, 2020
मातृभूमि की रक्षा के प्रति उनका त्याग, समर्पण, संघर्ष एवं देशभक्ति की भावना हमें सदैव प्रेरित करती रहेगी।#Maharanapratap pic.twitter.com/ZpM7IEEdg5

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