कोरोनावायरस (Coronavirus) कई प्रकार विषाणुओ का एक समूह है जो स्तनधारियों और पंक्षियों उत्पन करता है यह आरएनए वायरस होते है। इनके कारन मानवो में स्वाशतंत्र  संक्रमण पैदा  होता है। जिसके कारन हलकी सर्दी जुकाम बुखार या मृत्यु भी हो सकती है। गाय और सूअर में इनके कारन अतिसार हो सकता है। जबकि इनके कारण मुर्गियों के ऊपरी स्वास तंत्र के रोग उत्पन हो सकते है इसके रोकथन के लिए अभी कोई भी टिका या विषाणुरोधी उपलब्ध नहीं है।


भारत कि बात करे तो कोरोना वायरस 14 अप्रैल तक 10514 मामले आ चुके है। वही 1205 मरीज को रिकवर कर लिया गया है। कोरोना वायरस मुख्या रूप से 1960 मनुष्यो में पाया गया था कोरोना वायरस सामान्य  है और ये उन संक्रमण उन रोगियों में हानिकारक होता है जिनमे सामान्यतः खांसी बुखार और साँस की तकलीफ से जूझ रहे होते है। कोरोना वायरस की अवधि दो सफ्ताह तक हो सकती है यानि यह किसी ब्यक्ति के सरीर में 14 दिन तक रह सकती है।

कोरोनावायरस वंश (Types Of Coronavirus)

1.अल्फाकोरोनावायरस (Alphacoronavirus)
अल्फाकोरोनावायरस (Alphacoronavirus) के कोरोनाविरिडाए  के चार सदस्य जिववैज्ञानिक वंशो में से एक है। अल्फाकोरोनावायरस और बेटाकोणवीरस मूल रूप से चमगादड़ में संक्रमण  करने वाले वायरस के वंश है जी मनुष्यो और अन्य स्तनधारियों में भी फ़ैल जाते है।

2.बेटाकोरोनावायरस (Bitacoronavirus)
बेटाकोरोनावायरस (Bitacoronavirus) के कोरोनाविरिडाए  के चार सदस्य जिववैज्ञानिक वंशो में से एक है अल्फाकोरोनावायरस और  बेटाकोरोनावायरस  मूल रूप से चमगादड़ में संक्रमण करने वाले वायरस के वंशज है जो मनुष्यो और अन्य स्तनधारियों में भी फ़ैल जाते है सार्स वायरस और नावेलकोरोनावायरस 2019 दोनों बेटाकोरोनावायरस है।

3.गमाकोरोनावायरस (Gamacoronavirus)
गमाकोरोनावायरस (Gamacoronavirus) के कोरोनाविरिडाए  के चार सदस्य जिववैज्ञानिक वंशो में से एक है यहाँ अल्फाकोरोनावायरस और बेटाकोणवीरस मूल रूप से चमगादड़ में संक्रमण  करने वाले वायरस के वंश है वह गमाकोरोनावायरस और डेल्टाकोरोनावायरस पक्षियों और सुअरो के संक्रमण करने वाले वायरस के वंश है।

4.डेल्टाकोरोनावायरस (Deltacoronavirus)
डेल्टाकोरोनावायरस (Deltacoronavirus) के कोरोनाविरिडाए  के चार सदस्य जिववैज्ञानिक वंशो में से एक है। यहाँ अल्फाकोरोनावायरस और बेटाकोणवीरस मूल रूप से चमगादड़ में संक्रमण  करने वाले वायरस के वंश है वह गमाकोरोनावायरस और डेल्टाकोरोनावायरस पक्षियों और सुअरो के संक्रमण करने वाले वायरस के वंश है।

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