बुद्धिमान व्यक्ति कई जवाब होते हुए भी
      पलट कर नहीं बोलते क्योंकि कई बार 
रिश्तों को जिंदा रखने के लिए खामोश रह
 कर हराना जरूरी होता है                 
               
हमेशा अपनी "बात" कहने का अन्दाज 
खूबसूरत रखो ताकि "जवाब" भी खूबसूरत सुन 
सकोप्रेम की धारा, बहती है जिस दिल में,
चर्चा उसकी होती है, हर महफ़िल में... 
      
  शुप्रभात
अगर मैं सोचूं कि मुझे किसी की भी ज़रूरत
 नहीं..तो ये मेरा 'अहम' हैऔर अगर मैं सोचूं
 कि सबको मेरी ज़रूरत है तो ये मेरा 'वहम' है

सच तो ये है हम तुम से ,तुम हम से हम सब 
एक दूजे से हैं यही जीवन का सच है
              
       शुप्रभात
कहते है शब्दों के दांत नहीं होते है लेकिन 
शब्द जब काटते है तो दर्द बहुत होता है और 
कभी-कभी घाव इतने गहरे हो जाते है कि जीवन
 समाप्त हो जाता है परन्तु घाव नहीं भरते इसलिए 
जीवन में जब भी बोलो मीठा बोलों एक "शब्द" 
औषधि करे,और एक "शब्द" करे "सौ" "घाव"

       शुप्रभात
दुनिया मे सब चीज मिल जाती है,केवल अपनी 
गलती नही मिलती! दिन मे एक बार अपने 
दिल की अदालत में ज़रूर जाया करें सुना है, 
वहाँ कभी भी गलत फैसले नहीं हुआ करते..!!    
  
      शुप्रभात
विचारों की खूबसूरती कही से भी मिले
चुरा लो...! क्योंकि चेहरे की खूबसूरती
तो उमर के साथ बदल जाती है मगर विचारों 
की खूबसूरती हमेशा दिलो मे अमर रहती है

    शुप्रभात
मन ऐसा रखो कि किसी को बुरा न लगे।
दिल ऐसा रखो कि किसी को दुःखी न करे।
रिश्ता ऐसा रखो क उसका अंत न हो।

  हमने रिश्तों को संभाला है! मोतियों की तरह
       कोई गिर भी जाए त झुक के उठा लेते हैं ।।
                              
   शुप्रभात
बिना कहे जो सब कुछ कह जाते हैं
    बिना कसूर के जो सब कुछ सह जाते
 हैं दूर रह कर भी अपना फर्ज निभाते हैं 
वही रिश्ते सच में अपने कहलाते हैं।

       शुप्रभात
बुद्धिमान व्यक्ति कई बार जवाब होते हुए भी
      पलट कर नहीं बोलते क्योंकि कई बार रिश्तों
 को जिंदा रखने के लिए खामोश रह कर हारना जरूरी होता है हमेशा अपनी "बात"कहने
 का अन्दाज खूबसूरत रखो ताकि "जवाब" भी खूबसूरत सुन सको..प्रेम की धारा, बहती है
 जिस दिल में,चर्चा उसकी होती है, हर महफ़िल में... 
             
 शुप्रभात
जिस प्रकार से फल के ज्यादा मीठा होने से उसमे कीड़ा लग जाता है ठीक उसी प्रकार मित्रता  है मित्रता में ज्यादा प्रेम होने से मित्रता में कड़वाहट आने लग जाती है....

                             शुप्रभात
नेत्र हमें केवल दृष्टि प्रदान करते हैं परन्तु
हम कब किसमें क्या देखते हैंये हमारी भावनाओं
 पर निर्भर करता है....!!!! 

सुप्रभात
अपने कर्म पर विश्वास रखिए राशियों पर नही
राशि तो राम और रावण की भी एक ही थी लेकिन नियती ने उन्हें फल उनके कर्म अनुसार दिया

सुप्रभात
हमारा 'व्यवहार' कई बार हमारे 'ज्ञान' से अधिक 'अच्छा' साबित होता है। क्योंकि जीवन में जब
'विषम' परिस्थितियां आती हैं, तब ज्ञान 'हार' 
सकता है, परन्तु 'व्यवहार' से हमेशा 'जीत' होने
 की 'संभावना' रहती है।
      
  सुप्रभात
इंसान के परिचय की शुरुआत भले ही चेहरे 
से होती होगी लेकिन उसकी सम्पूर्ण पहचान,तो.
         वाणी, विचार एवं  कार्यो से ही होती है.   
                
सुप्रभात
जहाँ सूर्य की किरण हो  वहीँ प्रकाश होता है..
     जहाँ भगवान के दर्शन हो  वहीँ भव पार होता है..
  जहाँ संतो की वाणी हो वहीँ उद्धार होता है...
     और जहाँ प्रेम की भाषा हो वहीँ परिवार होता है. 

                                  सुप्रभात 
विचारों की खूबसूरती कही से भी मिले चुरा लो...!

क्योंकि चेहरे की खूबसूरती तो उमर के साथ बदल जाती है मगर विचारों की खूबसूरती
हमेशा दिलो मे अमर रहती है...!!

 सुप्रभात

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